
एक उड़ान… और बुझ गए 14 चिराग: अहमदाबाद विमान हादसे में राजस्थान ने खोए अपने होनहार"
अहमदाबाद विमान हादसे ने राजस्थान के 14 सपनों को हमेशा के लिए थाम लिया। रविवार को टेकऑफ के महज 50 सेकंड बाद एयर इंडिया का विमान अस्पताल की मैस बिल्डिंग से टकरा गया। भयंकर विस्फोट के साथ हुई इस दुर्घटना में राजस्थान के 12 यात्रियों के साथ दो एमबीबीएस छात्र भी काल के गाल में समा गए। यह हादसा पूरे प्रदेश को शोक में डुबो गया है।
बांसवाड़ा से लंदन जा रहे एक ही परिवार के पांच सदस्य—डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास और उनके तीन मासूम बच्चे मिराया, प्रद्युत और नकुल—इस उड़ान में थे। कोमी ने इस नई शुरुआत के लिए नौकरी भी छोड़ दी थी। यह यात्रा उनके जीवन का नया अध्याय बनने वाली थी, लेकिन नियति ने उन्हें अधूरा छोड़ दिया।
उदयपुर से भी तीन परिवारों के पाँच सदस्य इस यात्रा में शामिल थे। भाई-बहन शुभ और शगुन मोदी, लंदन में कार्यरत वरदीचंद मेनारिया और प्रकाशचंद मेनारिया, तथा उच्च शिक्षा के लिए लंदन जा रही पायल खटीक—इन सभी के सपने पलभर में बिखर गए।
बालोतरा की खुशबू राजपुरोहित की कहानी सबसे ज्यादा भावुक कर देने वाली है। उनकी शादी जनवरी 2025 में हुई थी और वे पहली बार अपने पति के पास लंदन जा रही थीं। उनके पिता उन्हें खुद एयरपोर्ट छोड़ने आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह विदाई आखिरी होगी।
बीकानेर के अभिनव, जो हाल ही में लंदन में बस गए थे, भी इस हादसे का शिकार हो गए।
बाड़मेर के जयप्रकाश चौधरी और हनुमानगढ़ के मानव भादू, जो अहमदाबाद में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, हादसे के वक्त होस्टल की मैस में खाना खा रहे थे। विमान सीधा उस इमारत से टकराया और दोनों की ज़िंदगी छिन गई।
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि नहीं था, यह 14 परिवारों की दुनिया उजाड़ देने वाला दुखद क्षण था। जिन चेहरों को मुस्कराते हुए विदेश विदा किया गया था, अब उनकी राख लौट आई है। पूरा राजस्थान गमगीन है और इस अपूरणीय क्षति से उबर पाना मुश्किल है।